पौराणिक रीति-रिवाज से श्रद्धा व भक्ति के साथ घर-घर मनाया गया नाग पंचमी
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले में गुरूवार को नाग पंचमी पर्व घर-घर में श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया गया.इस क्रम में उपासकों के द्वारा अपने-अपने घर के दहलीज के दोनों ओर गोबर से पांच सिर वाले नाग की आकृति बनाया गया.जिसके बाद नाग देवता की दूध,लावा,फूल,अक्षत,लड्डू चढाकर पूजा-अर्चना की गई.वहीं संध्या बेला में उपासक अपने-अपने घर में लावा बिखेर कर नाग देवता का आह्वान किया.पुरानी मान्यताओं के अनुसार इस कार्य से घर में वर्ष भर धन का अभाव नहीं रहता और शांति बनी रहती है.दूसरी तरफ जिले के विभिन्न विषहरी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही.जहां भी नाग देवता की पूजा अर्चना किया गया.मान्यता रही है कि इस दिन नागदेव का दर्शन अवश्य करना चाहिए.क्योंकि नाग हमारी ही संस्कृति का एक हिस्सा है.नागदेवता भगवान शिव के गले में आभूषण की तरह लिपटे रहते हैं.भगवान विष्णु जी शेष नाग की शय्या पर ही शयन करते हैं.माना गया है कि जब-जब भगवान का पृथ्वी पर अवतार हुआ है तब-तब शेष नाग भी उनके साथ अवतरित हुए हैं.रामावतार में लक्ष्मण जी,कृष्णा अवतार में बलराम जी.पौराणिक कथा के अनुसार एक बार मातृ शाप से नागलोक जलने लगा था.तब नागों की दाह पीड़ा श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन शांत हुआ.उस दिन से नाग पंचमी पर्व मनाया जाने लगा.यह परंपरा आज भी कायम है.
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