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खगड़िया के विशेखानंद की लघु फिल्म ‘हॉस्टल गर्ल’ मचा रही है धूम

लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : कहा जाता है कि यदि हुनर व जज्बा हो तो प्रतिभा सुदूर गांव की पगडंडियों से निकल कर ऩई राह तलाश ही लेती है.ऐसी ही कुछ कहानी है जिले के अलौली प्रखंड के मेघौना पंचायत के ज्वालापुर गांव निवासी लाल बहादुर सिंह के पुत्र विशेखानंद की…विशेखानंद द्वारा बनाई गई लघु फिल्म ‘हॉस्टल गर्ल’ इन दिनों यू ट्यूब पर धूम मचा रही है.हॉस्टल गर्ल में हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों की जिन्दगी की कड़वी सच्चाई को बहुत ही खुबसूरती से फिल्माया गया है.फिल्म की कहानी उन लड़कियों पर आधारित है जो अपने परिवार से दूर होकर हॉस्टल में पढाई के लिए आती तो हैं लेकिन वे प्यार-मोहब्बत,दोस्ती-यारी व फैशन की चकाचौंध की दुनियां में खोकर कर धीरे-धीरे अपने लक्ष्य को भूल जातीं हैं.फिल्म में दिखाया गया है कि इस दौरान की गई भूल से कई लड़कियों का ना सिर्फ लक्ष्य अधूरा रह जाता है बल्कि कुछ के जीवन में आत्महत्या करने जैसी स्थिति भी आन खड़ी होती है.साथ ही फिल्म में मामले की दूसरे पहलूओं को भी पिरोया गया है.करीब 17 मिनट की इस फिल्म के लेखक व निर्देशक विशेखानंद हैं.हॉस्टल गर्ल फिल्म में शिक्षा से जुड़ी बेहतर संदेश होने के कारण इसे पटना के विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में स्क्रिनिंग के माध्यम से दिखाकर छात्राओं को जागरूक किया जा रहा है.इस फिल्म की सफलता व दर्शकों से मिल रही सराहना के बाद विशेखानंद को फिल्म निर्माण को लेकर नये ऑफर भी मिलने लगे हैं.

देखें लघु फिल्म ‘हॉस्टल गर्ल’ की कुछ झलक : –

विशेखानंद जब 8 साल के उम्र की थे तब उन्होंने गांव में ही सरस्वती पूजा के अवसर पर अपने मामा उदयनन्द के निर्देशन में एक नाटक में बेहतरीन अभिनय कर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया था और उनकी इस प्रस्तुति पर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया था.बचपन से ही कला के क्षेत्र में रूचि रखने वाले विशेखानंद पढाई के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे.वर्ष 2015 में 12वीं करने के उपरांत वो पटना के ‘भिखारी ठाकुर स्कूल ड्रामा’ से एक्टिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद रंगयात्रा टीम के साथ जुड़ गये और करीब दो वर्षों तक नाटकों में अभिनय करते रहे.इस बीच फिल्म क्षेत्र में विशेष रूचि होने के कारण उन्होंने दोस्तों के साथ मिलकर लघु फिल्म बनाना शुरू किया.अभिनय के साथ खुद से स्क्रिप्ट लिखना,निर्देशन करना और कैमरा चलाना उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है.इस क्रम में वो करीब दस फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं और उन्हें कई अवार्डों से भी ऩवाजा जा चुका है.’कमेंट्स इफेक्ट’,’सेव द वॉटर’,’होली मिलन’,’सच्चा प्यार’ व ‘हॉस्टल गर्ल’ जैसी उनकी कई लघु फिल्में सुर्खियों में रही है.उनकी हर फिल्म समाज को एक अहम संदेश देने की कोशिश करता रहा है.बहरहाल विशेखानंद अपनी आने वाली फिल्म ‘तेरी चाहत’ की शुटिंग में व्यस्त है.विशेखानंद के पिता लालबहादुर सिंह पानीपत में ठेकेदारी करते हैं.जबकि उनके दादा चुनचुन सिंह किसान हैं.जॉइंट फैमिली से नाता रखने वाले विशेखानंद इस मुकाम पर पहुंचने का श्रेय दादा-दादी,मम्मी-पापा व चाचा-चाची को देते हैं.उनके बड़े भाई विवेकानंद अपने पिता के साथ पानीपत में रहकर ही बीएड की पढाई कर रहे हैं.जबकि विशेखानंद कला के क्षेत्र में नित्य नई उंचाईयों को छूते जा रहे हैं.

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