Breaking News

राजनीतिक धमाका, सोनेलाल मेहता को जदयू जिलाध्यक्ष की कमान

लाइव खगड़िया : दीपावली के दिन जिला जदयू में राजनीति धमाका हुआ है और जदयू के स्थानीय कार्यकर्ताओं की भावनाओं पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की जिद भारी पड़ी है. हाल ही में जदयू के जिलास्तरीय संगठनात्मक चुनाव में जिलाध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित किये गये बबलू मंडल की दावेदारी को दरकिनार करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने विधान पार्षद सोनेलाल मेहता को जदयू जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी है. उल्लेखनीय है इसके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने सांगठनिक चुनाव में पार्टी के निर्देशों का पालन नहीं करने के आरोप में जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.




जदयू के नवमनोनीत जिलाध्यक्ष सोनेलाल मेहता के राजनीति इतिहास पर यदि नजर डाली जाये तो उन्होंने वर्ष 1972 में समाजवादी युवजन सभा से जुड़कर राजनीति में प्रवेश किया था. वर्ष 1974 में उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर जिले में छात्र-आंदोलन का नेतृत्‍व किया था. इस क्रम में उन्हें इमरजेंसी के वक्त जेल भी जाना पड़ा था. इस दौरान उन्हें जिले के तत्कालीन उप-कारा सहित बक्सर के केन्द्रीय कारा में साल भर से अधिक समय जेल में काटना पड़ा था. 1977 में उन्होंने जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लिया. जिसके उपरांत लोकदल, दमकिपा के बाद 1985 में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. 1987 में उन्हें युवा कांग्रेस का जिलाध्‍यक्ष बनाया गया और लगभग आठ वर्षों तक वे इस पद पर बने रहे. 1994 में वे जार्ज फर्नाडिंस के नेतृत्‍व में जनता दल (ज) में शामिल हो गये. बाद के दिनों में वे समता पार्टी के प्रदेश महासचिव भी बनाये गये. जनता दल (यू) के अस्तित्व में आने पर उन्हें 2004 में पार्टी का जिलाध्‍यक्ष बना गया और लगभग दस वर्षों तक वे इस पद पर बने रहे. वर्ष 2013 में उन्हें जनता दल (यू) के प्रदेश महासचिव की जिम्मेवारी मिली और मार्च 2014 में उन्हें बिहार विधान परिषद् का सदस्‍य बनने का मौका मिला. बहरहाल वक्त ने करवट बदली है और उन्हें एकबार फिर जदयू जिलाध्यक्ष की नई जिम्मेदारी मिली है.


Check Also

विभिन्न मुद्दों को लेकर भाकपा ने किया प्रदर्शन

विभिन्न मुद्दों को लेकर भाकपा ने किया प्रदर्शन

error: Content is protected !!