बेहद कष्ट में संतोष की जिन्दगी, किसी मसीहे का है इंतजार…
लाइव खगड़िया : जिन्दगी के सफर में कभी-कभी वक्त इंसान को उस मोड़ पर छोड़ जाता है जहां से उन्हें कोई फरिस्ता ही बाहर निकाल सकता है. कहना गलत नहीं होगा कि इस अर्थ युग में यदि वो आर्थिक तंगी से जूझ रहा हो तो उसकी मुश्किलें और भी बढ़ जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी है जिले के अलौली थाना क्षेत्र अंतर्गत अम्बा के तिलकनगर निवासी शंकर राम के पुत्र संतोष कुमार की.
संतोष एक निहायत ही गरीब परिवार का लड़का है. परिवार की आर्थिक तंगी के बीच उन्होंने मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई जैसे-तैसे पूरी की और फिर परिवार की हालत सुधारने की जिम्मेदारी उन्होंने अपने कंधों पर ले ली. इस क्रम में रोजी-रोजगार के लिए उन्हें अपनों को छोड़कर बंगलौर जाना पड़ा. लेकिन वहां काम के क्रम में एक ऐसा हादसा हुआ कि उनके सपने ही तबाह हो गए.
दरअसल बंगलौर में लगभग एक महीने की नौकरी के बाद एक दिन ड्यूटी के दौरान बिजली का झटका लगने से वो तीसरी मंजिल की छत से अचानक नीचे आ गिरा. हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी में D7 एवं D9 फ्रेक्चर हो गया. हलांकि उस समय वो जिस कंपनी में कार्यरत था उसके द्वारा उनका ऑपरेशन भी कराया गया. लेकिन अफसोस वह ऑपरेशन सफल नही हो सका और आज वो आर्थिक तंगी के बीच व्हील चेयर पर बैठकर जिन्दगी व मौत से जूझ रहा है.
बताया जाता है कि संतोष का आज भी नाभी के नीचे से लेकर पैरों की अंगुलियां तक सुन्न है और 7 महीने से वो विस्तर पर एक जिन्दा लाश बन पड़ा है. बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने उन्हें पुनः ऑपरेशन करवाने की सलाह दी है. लेकिन पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा यह परिवार पैसों के आभाव में ऐसा करने में असमर्थ है. क्रिकेट के शौकीन संतोष कभी मजदूरी कर बैट और बॉल खरीदने से भी पीछे नहीं रहा करते थे. लेकिन आज जिन्दगी के एक बेहद ही नाजुक मोड़ पर उन्हें किसी मसीहे का इंतज़ार है.