बड़ा ही प्यारा रिश्ता है खगड़िया से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का…
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : इन दिनों बिहार की राजनीति में डॉक्टर मदन मोहन झा काफी चर्चाओं में हैं.इसी सप्ताह देश की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ने उन्हें बिहार की कमान सौंप दी है.
माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने बिहार में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा बदलाव करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह विधान परिषद सदस्य डॉ.मदन मोहन झा के हाथों बिहार की कमान सौंप दी है.इसके पूर्व मदन मोहन झा प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव के पद पर रह चुके हैं.कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से अपनी राजनीतिक सफर की शुरूआत करने वाले मदन मोहन झा बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव भी रह चुके हैं.महागठबंधन की सरकार में उन्हें राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री बनाया गया था.
मूल रूप से दरभंगा जिले के मनीगाछी के बधॉत गांव निवासी मदन मोहन झा का खगड़िया से भी एक बड़ा प्यारा रिश्ता रहा है.जिले के भी शायद बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि नवमनोनीत कांग्रेस अध्यक्ष का खगड़िया जिला में ससुराल है.उनकी शादी वर्ष 1983 में खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड के बिशौनी निवासी डॉ.रमेश चन्द्र झा की पुत्री रेखा झा के साथ हुई थी.
हलांकि शादी समारोह पटना में आयोजित हुई थी.लेकिन पर्व-त्योहार सहित विभिन्न परिवारिक समारोह में उनका अक्सर अपने ससुराल बिशौनी आना-जाना रहा था.बताया जाता है कि डॉ.रमेश चन्द्र झा का परिवार भी पूराने कांग्रेसी रहे हैं.उनके पिता पंडित यदुनन्दन झा मधेपूरा के आलमनगर से कांग्रेस के दो बार विधायक रह चुके है.साथ बिशौनी के इस राजनीतिक परिवार के कई सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा सहित कई महत्वपूर्ण पदों को भी सुशोभित कर चुके हैं.बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि दरभंगा से भाया खगड़िया होते हुए पटना पहुंच कर प्रदेश की राजनीति में छा जाने वाले कांग्रेस के नवमनोनीत प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मदन मोहन झा अपने ससुराल खगड़िया सहित प्रदेश में सुसुप्ता अवस्था में पड़ी कांग्रेस को किस प्रकार से संजीवनी प्रदान करते है.गौरतलब है कि जिले में देश की एक बड़ी पार्टी वर्षों से चुनावी रेस से बाहर रही है और हालात कुछ ऐसा बनता रहा है कि खगड़िया में कांग्रेस को वर्षों से गठबंधन धर्म ही निभानी पड़ रही है.हलांकि शुक्रवार को उन्होंने पदभार ग्रहण करने के उपरांत ‘बिहार कांग्रेस अब न तो याचक कीभूमिका मेंरहेगी और न हीटिकट केमसले पर सहयोगियों केसामने झुकेगी’ जैसा बयान देकर बहुत कुछ संकेत दे दिया है.