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सरकार के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ एटक लड़ेगी लड़ाई

लाइव खविभिन्न: अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की बैठक शहर के योगेन्द्र भवन में रविवार को आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता संगठन के जिलाध्यक्ष रमेशचन्द्र चौधरी ने किया.मौके पर उन्होंने बताया कि एटक के प्रदेश नेताओ का एक जत्था 9 अगस्त से 15 सितंबर तक बिहार के विभिन्न जिलों में जायेगा.जिसका उद्देश्य में मजदूर-कामगार तबकों को संगठित करना और उनकी समस्याओं को संग्रहित कर आगे की लड़ाई का रणनीत तैयार करना होगा.इस क्कम में एटक नेता12 अगस्त को खगड़िया पहुचेंगे.जिनका भव्य स्वागत किया जायेगा.इस मौके पर योगेन्द्र भवन में ही एक कार्यकर्ता सम्मेलन भी आयोजित किया जायेगा.मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मानसून सत्र में नए वेतन संहिता विधेयक लाने की तैयारी कर रही है.जिसमें मजदूरों से जुड़े चार कानून न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, बोनस भुगतान अधिनियम 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 को एक साथ जोड़ा गया है.वहींएटक के जिलासचिव बृंदा सिंह ने बताया कि उद्योग घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ही सरकार नया विधेयक ला रही है.इसमें वेतन निर्धारण करने की पद्धति को ही पूरी तरह बदल दिया जाएगा और पारिश्रमिक घंटे के हिसाब से या दिन के हिसाब से या फिर महीने के हिसाब से तय किया जा सकता है.इसी तरह अब नौकरी घंटों या दिन के हिसाब से भी दी जा सकेगी और किसी को भी केवल दो दिन की नोटिस पर नौकरी से निकाला जा सकेगा.साथ ही 8 घंटे कार्य दिवस की बाध्यता भी नहीं रहेगी.साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार श्रम कानून को तहस-नहस करना चाह रही है.ऐसे में एटक आने वाले दिनों में मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ अपने विभिन्न जनसंगठनों को साथ लेकर लड़ाई लड़ने की तैयारी में है.मौके पर आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की महासचिव कुमारी निर्मला, निर्माण मजदूर यूनियन के सचिव चरणजीत कुमार यादव, राजकिशोर रजक शंकर पासवान, खेत मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष विंदेश्वरी साह, सीपीआई नेता मनोज सदा,बिजली मजदूर यूनियन के विद्यानंद भगत, राम स्वानीतिगरथ मालाकार,रूदल सिंह सहित कई श्रमिक नेता उपस्थित थे

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