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बाढ़ राहत व राजस्व संग्रहण कार्यों की उप मुख्यमंत्री के द्वारा समीक्षा



लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने गुरूवार को समाहरणालय सभाकक्ष में जिले में चलाए जा रहे बाढ़ राहत कार्यों और राजस्व संग्रहण की समीक्षा किया. वहीं उन्होंने पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया. मौके पर जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने जिले में बाढ़ की वर्तमान स्थिति एवं राहत व बचाव कार्यों से उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया. डीएम ने जानकारी देते हुए बाढ़ ग्रस्त पंचायतों, प्रभावित गांवों, बाढ़ से प्रभावित वार्डों, बाढ़ से प्रभावित जनसंख्या, विस्थापित जनसंख्या, वितरित पॉलिथीन की संख्या, वितरित फूड पैकेटों की संख्या, संचालित नावों की संख्या, जीआर राशि के भुगतान हेतु चिन्हित परिवारों की संख्या, संचालित सामुदायिक किचन एवं इनसे लाभान्वित लोगों की संख्या, स्वास्थ्य शिविरों का विवरण, पशु चारा वितरण की स्थिति, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में कोविड-19 टीकाकरण की अद्यतन स्थिति के साथ जिले में बहने वाली प्रमुख नदी बागमती, कोसी, बूढ़ी गंडक और गंगा के वर्तमान जलस्तर की स्थिति के बारे में उप मुख्यमंत्री को जानकारी दी.

वहीं बताया गया कि बाढ़ से परबत्ता, खगड़िया, गोगरी और अलौली के पंचायत सबसे ज्यादा प्रभावित  हुए हैं.  जिले में 11377 पॉलिथीन सीट का वितरण और 6964 फूड पैकेट का वितरण किया गया है. जिससे कुल 57 सामुदायिक रसोइयों में 1,48,674 बाढ़ पीड़ित लाभान्वित हुए हैं. साथ ही 222 क्विंटल पशु चारा का वितरण किया जा चुका है. जबकि विभिन्न प्रखंडों में कुल मिलाकर 160 नौकाओं का संचालन किया जा रहा है. बाढ़ से कुल 2,05,083 की आबादी प्रभावित हुए हैं. इस कड़ी में जिले के 11 पंचायत पूर्णतः एवं 42 पंचायत आंशिक प्रभावित हैं. 

जिलाधिकारी ने नौका पर टीका अभियान और बोट एंबुलेंस के बारे में उप मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि जिन बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जाना संभव नहीं है, वहां इनका उपयोग टीकाकरण एवं एंबुलेंस के रूप में किया जा रहा है. वहीं डीएम द्वारा नगर परिषद के पूर्णतः टीकाकृत होने की जानकारी दी गई. बताया गया कि बाढ़ के कारण जिले में किसी की मृत्यु नहीं हुई है. जबकि जिले में कोविड की स्थिति भी सामान्य है. बाढ़ के मद्देनजर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 1-1 टीम को परबत्ता में प्रतिनियुक्त किया गया है. वहीं बताया गया कि जीएन तटबंध में रिसाव की काफी शिकायतें मिली थीं, जिन्हें बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल 1 के द्वारा बाढ़ संघर्षात्मक कार्य चलाकर नियंत्रित किया गया है. जबकि बाढ़ से पूर्व भी 11-12 स्थलों पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराया गया था. 
वहीं उप मुख्यमंत्री ने बैंकों के विलय से बहुत से लाभुकों के बैंक खाते के आईएफएससी कोड में बदलाव से उत्पन्न समस्या के संबंध में भी आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बाढ़ राहत की समीक्षा के उपरांत उप मुख्यमंत्री ने राजस्व संग्रहण की समीक्षा की और राज्य कर आयुक्त, परिवहन पदाधिकारी, अवर निबंधक, खनन पदाधिकारी, जिला परिषद, मत्स्य विभाग द्वारा निर्धारित राजस्व संग्रहण के लक्ष्य और राजस्व प्राप्ति के अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया. साथ ही नगर विकास हेतु विभागीय निर्देशों के अनुपालन के साथ शहरी क्षेत्र के विकास हेतु आवश्यक आयोजन का निर्देश दिया गया. साथ ही लैंडफिल स्थल के चयन, सम्राट अशोक भवन, विद्युत शवदाह गृह, बस स्टैंड के निर्माण एवं विकास के संबंध में उन्हें निर्देशित किया गया.

उप मुख्यमंत्री ने कोविड परिस्थितियों से निकलने और आत्मनिर्भर बिहार के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की जरूरत बताते हुए जिले के विकास हेतु आम लोगों के दुख-दर्द को महसूस कर काम करने का निर्देश दिया.

बैठक के दौरान पंचायती राज विभाग सम्राट चौधरी, नगर परिषद सभापति सीता देवी, उप विकास आयुक्त अभिलाषा शर्मा, अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा, अपर समाहर्ता जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भूपेंद्र प्रसाद यादव, सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह सहित कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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