लाइव खगड़िया : “दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से…घर को आग लग गई घर के चराग़ से“. ये पंक्तियां जिला जदयू में उपजे वर्तमान हालात पर बिल्कुल ही सटीक बैठती है. वैसे भी कहा जाता है कि राजनीति के सफर में कब, कौन किसका कितना साथ देगा यह कहना मुश्किल है और कब, कौन किसके खिलाफ हो जाये यह भी समझना उतना ही मुश्किल है. जिला जदयू की वर्तमान राजनीति भी लगभग कुछ ऐसी ही मोड़ पर आकर खड़ी हो चुकी है. बढ़ते राजनीतिक महत्वाकांक्षा के बीच कल तक संग-संग जदयू का दीया जलाने वाले आज एक-दूजे पर आरोपों की बारिश करने लगे हैं. किस आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह एक जांच का विषय हो सकता है. लेकिन चुनावी साल में जदयू के ही स्थानीय नेताओं के बीच आरोप व प्रत्यारोप का दौर सार्वजनिक रूप से सामने आ जाने से स्थानीय स्तर पर गठन की सेहत व कार्यकर्ताओं के जोश पर भी इसका प्रभाव पड़ना लाजिमी है.
मामला जदयू जिलाध्यक्ष पर एक महिला द्वारा लगाये गये आरोप का है. एक तरफ जदयू के कुछ नेता महिला को न्याय दिलाने की बातें कह रहे हैं. जबकि पार्टी के ही कई नेता आरोप को जदयू जिलाध्यक्ष की छवि खराब करने की साजिश बता रहे हैं. इस बीच सोशल साइट पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है. हलांकि वायरल ऑडियो के आवाज की सत्यता व प्रमाणिकता का ‘लाइव खगड़िया’ पुष्टि नहीं कर रहा है. लेकिन राजनीति गलियारे में ऑडियो को इसी प्रकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है. जिसमें कोई शख्स किसी मुखिया जी से अपनी बीमारी की दुहाई देते हुए माफी मांगते हुए सुनाई दे रहे है. साथ ही रूपये की पेशकश सहित किसी को भगाने की बात कही जा रही है. वहीं दूसरा शख्स किसी को इंसाफ दिलाने की बात कर रहा है. बहरहाल मामला जिले के राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं में है.