
गुरू पूर्णिमा पर राजकीय अवकाश घोषित करने की उठी मांग
लाइव खगडिया (मुकेश कुमार मिश्र) : 10 जुलाई को पटना के गर्दनीबाग में आयोजित होने वाले विराट गुरु पूर्णिमा महोत्सव का स्वरूप लगभग तय हो गया है. इस बीच आषाढ़ मास के पूर्णिमा महापर्व पर राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग उठने लगी है. बिहार विधान पार्षद (कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र) के सदस्य डॉ संजीव कुमार सिंह ने 2019 में आषाढ़ मास के पूर्णिमा को होने वाली गुरु पूर्णिमा महापर्व को राजकीय अवकाश करने की मांग को लेकर सभापति को लिखित आवेदन दिया है. वहीं उन्होंने कहा है कि भारतीय संस्कृति में हिन्दु वर्ष के सभी पूर्णिमाओं में सर्वश्रेष्ठ पूर्णिमा गुरुपूर्णिमा है. जिसे हिन्दु परम्परा के तहत पुरातन काल से ही गुरु शिष्य संबंधों की आत्मीयता के आधार पर महापर्व के रूप में मनाया जाता रहा है. ऐसी मान्यता है कि इस आध्यात्मिक महापर्व की प्रतीक्षा देवगण ऋषिगण भी बेशब्री से करते है. आस्था के अनुरूप हर कोई किसी प्रमाणिक पुरुष को गुरु मानते हुए अपने धार्मिक कर्तव्यों एवं सांसारिक दायित्वों का निर्वाहन के साथ – साथ अपनी मानसिक एवं आत्मिक उन्नति हेतु उन्हें श्रेष्ठ मानते हैं.
विधान पार्षद की मांग को शिव शक्ति योग पीठ से ज़ड़े श्रद्धालु सहित अन्य लोगो ने सराहते हुए कहा है कि बिहार सरकार इस मांग को तुरंत संज्ञान में लेकर राजकीय अवकाश घोषित करें. इधर राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शम्पू कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 में कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ. संजीव कुमार सिंह ने यह मुद्दा बिहार विधान परिषद में गंभीरता से उठाया है. साथ ही वर्ष 2023 में बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी इस महोत्सव में भाग लेकर आश्वासन दिया था कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से गुरुपूर्णिमा को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कराने हेतु अपने स्तर से सार्थक प्रयास करेंगे. मालूम हो कि 2016 ई० में लाजपत पार्क भागलपुर में आयोजित गुरू पूर्णिमा महोत्सव के दौरान श्री शिव शक्ति योग पीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने अपने सम्बोधन में कहा था कि इस आषाढ गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर सरकार को एक दिन के लिए राजकीय अवकाश घोषित करनी चाहिए, ताकि लोग गुरू शिष्य के महत्व को समझे.