लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत बैसा कार्तिक मंदिर के प्रांगण आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रोताओं की भीड़ उमड़ने लगी है. कथा के दूसरे दिन रविवार को उत्तर प्रदेश वृंदावन धाम से पहुंचे कथाव्यास किशोरी कृष्णा नंदनी जी ने सुखदेव जी के जन्म की चर्चा करते हुए कहा कि जब भगवान शिव ने पार्वती मां को अमर होने की कथा सुना रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक तोता वहां बैठा है और हुंकार भर रहा है. ऐसे में भगवान शिव को क्रोध आ गया और वेबोले कि तूने मेरी बिना आज्ञा के अमर कथा का पान किया है. अब मैं तुझे जीवित नहीं छोडूंगा. जिसके बाद भगवान शिव त्रिशूल लेकर उसके पीछे दौड़े. शुक यानि तोता जान बचाने के लिए तीनों लोकों में भागता रहा और फिर वे वेदव्यास जी के आश्रम पहुंचा. जहां पर वेदव्यास जी की पत्नी बाहर कपड़े सूखा रही थीं. फिर तोता सूक्ष्म बनकर उनकी पत्नी के मुख में घुस गया और वह उनके गर्भ में रह गया. तोते का पीछा करते भगवान शिव भी वहां आए और बोले कि मैं इस शुक को जीवित नहीं छोडूंगा. वहीं व्यास जी के पूछने पर शिव ने सारी बात बताई. इस पर व्यास जी बोले कि अब वो अमर हो चुका है और आप उसे कैसे मार सकते हैं. आप दयावान हैं. ऐसे में आप उसे क्षमा कीजिए. व्यास जी के अनुरोध पर भगवान शिव का गुस्सा शांत हुआ और व्यास जी की पत्नी के गर्भ में शुकदेव जी को 12 वर्ष हो गए, लेकिन बाहर नहीं निकले. क्योंकि उन्हें डर था अगर मैं संसार में आया तो भगवान की माया के चपेट में आ जाऊंगा.
मौके पर कथावाचिका ने कहा कि धर्म मनुष्य में जीवन के महत्व को स्पष्ट करता है और पवित्र भावनाओं को पैदा करता है. साथ ही मानसिक तनाव व चिताओं से दूर रखकर गलत, समाज विरोधी व धर्म विरोधी कार्यो के प्रति घृणा पैदा करता है. इस तरह धर्म व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करता है एवं उसे सुख-समृद्धि हेतु धार्मिक नियमों के अनुरूप आचरण के लिए प्रेरित करता है. कथा को लेकर बैसा समिति के द्वारा व्यापक तैयारियां की गई है. वहीं दूर-दराज से श्रोतागण पहुंच रहे हैं और संगीतमय कथा श्रवण कर रहे.