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आसान नहीं था कांस्टेबल से डीएसपी बनने तक का सफर, बबली ने पेश की नजीर

लाइव खगड़िया : “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों”. इस पंक्ति को कभी खगड़िया में कांस्टेबल रहीं और वर्तमान में बेगूसराय में कार्यरत एक महिला सिपाही ने सच साबित कर दिखाया है. मुश्किल हालात में अपनी लगन और मेहनत से अब वे सिपाही से डीएसपी बन गई हैं. पति, सास-ससुर व छोटे बच्चे की जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अपनी ड्यूटी के प्रति जवाबदेह रही सिपाही बबली कुमारी ने खुद को साबित किया है. बेगूसराय जिला बल की सिपाही बबली का जीवन संघर्ष से भरा रहा है. उन्होंने तीसरे प्रयास में बीपीएससी में सफलता पाई है और सिपाही से डीएसपी बनने में सफल रही हैं. बबली कामकाजी महिलाओं के लिए प्रेरणाश्रोत बनकर उभरी हैं.

बबली को 7 माह की पुत्री आरवी है. उनकी शादी साल 2013 में रोहित कुमार से हुई थी. बताया जाता है कि उनकी इच्छा बड़ा अधिकारी बनने की थी. जिसमें उसके पति, ससुराल और मायके वालों का भरपूर सहयोग मिला. जब भी उसे मौका मिलता था, वह पढ़ती थी और तीसरे प्रयास में उसने बीपीएससी की परीक्षा पास कर ली. बताया जाता है कि जब बबली ने मेंस का एग्जाम दिया था, वो 6 माह की गर्भवती थी. बबली के अनुसार, ड्यूटी के साथ मेंस की तैयारी करना काफी कठिन हो रहा था. ऐसे में कुछ दिनों के लिए वे पटना चली गई और पटना में रहकर तैयारी की. बबली की चाहत यूपीएससी कंपीट करने की भी है.

बबली ने 2015 में खगड़िया में बतौर कांस्टेबल सेवा की शुरुआत की थी. जबकि वर्तमान में वे पुलिस लाइन बेगूसराय में पदस्थापित थीं. राजगीर प्रशिक्षण केंद्र के लिए विरमित करने के पूर्व बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार ने बबली को सम्मानित किया. एसपी ने अपने कार्यालय कक्ष में सिपाही से डीएसपी बनने वाली बबली कुमारी के लिए स्वागत समारोह आयोजित किया. बबली मूल रूप से गया जिला के गुलरिया चक गांव की रहने वाली है. उनके पिता तुलसी प्रसाद एक बस के चालक हैं और माता सुनीला देवी एक कुशल गृहिणी हैं. बबली के पति रोहित कुमार का अपने गांव मे एक छोटा सा व्यवसाय है.

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