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नाव हादसा : जख्मी को गंवाना पड़ा एक हाथ, इलाज में मोटे खर्च से बढ़ी परिजनों की परेशानी




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : बीते 24 अगस्त को अगुवानी-सुल्तानगंज गंगा नदी में हुए नाव हादसे के बाद प्रशासनिक स्तर पर मची हायतौबा धीरे-धीरे शांत होने लगा है. हादसा भागलपुर जिला में होने की बात कह कर भले ही प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ ले, लेकिन सच्चाई यह भी है कि जिले के अगुवानी घाट ही दुर्घटनाग्रस्त नाव का गंतव्य था. ऐसे में माना जा सकता है कि जिले की सीमाओं भी नाव का परिचालन जारी था. हादसे के बाद लापता तेमथा राका निवासी श्रवण ठाकुर की खोज दूसरे दिन भी जारी रहा. लेकिन समाचार प्रेषण तक एसडीआरएफ की टीम तमाम कोशिशों के बावजूद उसे ढूंढ नहीं पाई थी.

उधर हादसे में बुरी तरह जख्मी जिले के महेशखूंट थाना क्षेत्र के गौछारी निवासी 47 वर्षीय जयचंद चौरसिया बेगूसराय के संजीवनी अस्पताल में जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं. हादसे में जयचंद चौरसिया को अपना हाथ गंवाना पड़ा है. उल्लेखनीय है कि हादसे के दिन परबत्ता अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सदर अस्पताल भेजा गया था. जहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें बेगूसराय रेफर कर दिया गया था. लेकिन उसके बाद जिला प्रशासन ने घायल के परिजनों से संपर्क साधना भी मुनासिब नहीं समझा. उधर इलाज के मौटे खर्च और घायल की स्थिति ने परिजनों की चिंता और भी बढ़ा दी है. 

नाव हादसे में बुरी तरह जख्मी जयचंद चौरसिया पान का व्यापार करते थे. जिला सहित भागलपुर जिले के सुल्तानगंज, तारापुर, असरगंज के पान दूकानदार को वे गौछारी से पान उपलब्ध कराते थे. नाव हादसे के दिन वे असरगंज में पान देकर वापस अपने गांव आ लौट रहे थे. इसी दौरान नाव दुर्घटना में वे बुरी तरह घायल  हो गये थे. बेगूसराय में इलाजरत जयचंद चौरसिया के एकलौते पुत्र आदित्य कुमार बताते हैं कि उनके पापा का बायां हाथ कट चुका है और अब अस्पताल की लाखों की भारी भड़कम बिल ने परिजनों की चिंताएं बढा दी है. लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है. 

उधर घायल की पत्नी गीता देवी के उपर विपदा का पहाड टूट पडा है. क्योंकि परिवार का भरण पोषण जयचंद चौरसिया की कमाई से ही हो रहा था. बेटे आदित्य् को अब इस बात की चिंता भी सताने लगी है कि घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने से उनकी पढ़ाई भी कहीं अधूरी ना रह जाए. बताया जाता है कि वे दिल्ली में मेडिकल की तैयारी कर रहा था. बहरहाल नाव हादसे में घायल जयचंद चौरसिया अपना हाथ गंवाने के बाद अस्पताल में इलाजरत हैं और संकट की इस घड़ी में आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस परिवार को अब किसी फरिश्ते का इंतजार है.

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