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शारदीय नवरात्र : गज पर सवार हो आ रहीं हैं मां,मुर्गा पर प्रस्थान




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : इस वर्ष शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से प्रारम्भ हो रहा है और 8 अक्टूबर को विजयादशमी है. परम शक्ति मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्रा सर्वोत्तम समय है और इसमें भी शारदीय नवरात्रा का विशेष माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान राम ने भी नवरात्रा में ही उपासना कर देवी को प्रसन्न किया और विजयादशमी के दिन रावण का संहार किया था. श्रद्धा व विश्वास से आज भी शक्ति की देवी दुर्गा की उपासना श्रद्धालुओं के द्वारा किया जाता है.

शारदीय नवरात्रा प्रारंभ होने के पूर्व लोगों के बीच यह जिज्ञासा रहती है कि मां दुर्गा अपने परिवार के साथ किस वाहन पर सवार होकर आ रहीं हैं और किस वाहन से वे लौटेंगीं. माँ दुर्गा के आगमन एवं प्रस्थान से ही आगामी वर्ष के अच्छे-बुरे फल का अंदाज लगाया जाता है.

श्री शिव शक्तियोग पीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर  परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज की मानें तो इस वर्ष नवरात्रा कलश स्थापना अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा  29 सितंबर (रविवार) को होने के कारण शास्त्रों में माँ दुर्गा का आगमन ‘गज’ पर है. जिसका फल ‘शुभ वृष्टि’ (अत्यधिक पानी बरसना) बताया जाता है. जबकि विजयादशमी शुक्रवार 8 अक्टूबर को है और मां दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ ‘मुर्गा’ पर सवार होकर लौटेंगी. जिसका फल जन मानस में  विकलता बताया जाता है.




माँ दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ ‘गज’ (हाथी ) पर सवार होकर आ रहीं हैं. जो अच्छी वर्षा का संकेत है. माना जा रहा है कि इससे किसानों के साथ-साथ देश समृद्धि की राह पर अग्रसर होगा. जबकि देवी का ‘मुर्गा’ पर प्रस्थान जन मानस में विकलता का संकेत माना जा रहा है. कुल मिलाकर असुर पर सुर, बुराई पर अच्छाई के विजय का प्रतीक नवरात्रा एक आत्मसाधना है और मां  का आगमन एवं प्रस्थान ‘वार’ (दिन) पर आधारित है.

दिन के अनुसार इस वाहन से होता है मां आगमन

यदि रविवार व सोमवार को पूजा प्रारंभ होती है तो मां दुर्गा हाथी पर, शनिवार व मंगलवार को घोड़ा पर, गुरुवार व शुक्रवार को डोला पर और बुधवार को पूजा प्रारंभ होने पर मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आती हैं.

वाहन के अनुसार फल

गज (हाथी) पर आना पानी की बढ़ोतरी, घोड़ा पर आना युद्ध की आशंका, नौका पर आना मनोकामनाएं पूर्ण होना, डोली पर आना आक्रांत रोग, मृत्यु का भय का संकेत माना जाता है.

दिन के अनुसार ही इस वाहन से होता मां का प्रस्थान

रविवार व सोमवार को विजयादशमी होने पर मां दुर्गा भैंसा पर, शनिवार व मंगलवार को मुर्गा पर, बुधवार व शुक्रवार को गज पर एवं गुरुवार को नर वाहन पर प्रस्थान करतीं हैं

प्रस्थान करने वाले वाहन के अनुसार फल

भैंसा पर प्रस्थान करना शोक का माहौल, मुर्गा पर जन मानस में विकलता, गज पर शुभ वृष्टि, नरवाहन पर शुभ सौख्य बताया जाता है.


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