Breaking News

आ गया है ‘श्री दुर्गा सप्तशती’ का हिन्दी काव्यानुवाद ‘श्री दुर्गा चरितमानस’




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : इसी माह 29 तारीख से नवरात्र प्रारंभ हो रहा है और इसके साथ ही श्रद्धा, भक्ति व निष्ठा के साथ मां की आराधना का दौर शुरू हो जायेगा. शास्त्रों के अनुसार सौ बार गलत उच्चारण के साथ पढ़ा गया मंत्र से फल की कभी प्राप्ति नहीं होती है. जबकि सही उच्चारण के साथ एक बार भी जपा गया मंत्र अच्छा फल प्रदान करता है.

लेकिन संस्कृत के शब्दों का सही-सही उच्चारण कर श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करना हर श्रद्धालुओं के लिए आसान भी नहीं होता है. ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज (श्री रामचंद्र पाण्डेय ‘रसिक ‘) ने एक अनोखी पहल करते हुए श्री रामचरितमानस की तरह श्री दुर्गा सप्तशती का अवधी भाषा (हिन्दी) में सरल काव्यानुवाद कर एक सरल कृति ही तैयार कर डाली है.जिसे श्री दुर्गा चरितमानस का नाम दिया गया है.




स्वामी जी ने जनमानस की सुविधा के लिए प्रसाद गुण से रससिक्त पंक्तियों की रचना कर गोस्वामी तुलसीदास के तर्ज पर चौपाई एवं दोहों के माध्यम से हिंदी भाषी लोगों के लिए श्री दुर्गा सप्तशती का हिंदी पदनुवाद किया है. माना जा सकता है कि श्री रामचरितमानस की तरह श्रीदुर्गाचरितमानस भी जनमानस का कंठाहार साबित होगा. शास्त्र के जानकरों की यदि मानें तो वैसे श्रद्धालु जो नवरात्र में जो संस्कृत में पाठ का सही-सहित उच्चारण नही कर पाते थे, उनके लिए यह कृति किसी वरदान से कम नहीं है. बहरहाल  271 पेज का ‘श्रीदुर्गाचरितमानस’ शिक्षाविद् , विद्वान एवं साहित्कारो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी परमहंस  स्वामी आगमानंद जी महाराज (श्री रामचंद्र पाण्डेय ‘रसिक’ ) के द्वारा रचित एवं सम्पादित दो दर्जन से अधिक पुस्तकों को पाठकवर्गों ने काफी सराहा था.



Check Also

भाकपा नेता जगन्नाथ दास का निधन, पार्टी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर

भाकपा नेता जगन्नाथ दास का निधन, पार्टी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर

error: Content is protected !!