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SDRF ने किया खगड़िया में पहला युवा वाहिनी आपदा दल तैयार




लाइव खगड़िया : जिले के मानसी अंचल के खुटिया, चकहुसैनी, पश्चिमी ठाठा, पूर्वी ठाठा, अमनी, बलहा और सैदपुर पंचायतों के 10 -10 युवाएं युवा वाहिनी आपदा दल के रूप में तैयार हो चुकी है. जिसे एसडीआरएफ इंस्पेक्टर गणेश जी ओझा के नेतृत्व में उनकी टीम ने तैयार किया है. उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं जिला पदाधिकारी निर्देश पर जिले के विभिन्न पंचायतों के चयनित 10-10 युवाओं को युवा वाहिनी आपदा दल के रूप में तैयार किया जा रहा है. वहीं एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर गणेश जी ओझा ने बताया है कि चलाए जा रहे कार्यक्रम के तहत जिला में पहला युवा वाहिनी आपदा दल तैयार किया जा चुका है. जो एसडीआरएफ टीम के साथ बाढ़, ठनका, सर्पदंश से बचने और बचाने का गुर सीख चुके हैं.

मौके पर इंस्पेक्टर गणेश जी ओझा ने बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है. जिनका जीविका का प्रमुख स्रोत कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर करता है. जबकि आपदा के मामले में बिहार देश के सबसे संवेदनशील राज्यों में से एक है. वहीं उन्होंने कहा कि खगड़िया नदियों से घिरा  एक जिला है. जिसके कारण यहां के लोगों को लगभग हर वर्ष बाढ़ की मार झेलना पड़ता है. लेकिन सचेत व सावधान रहकर बाढ़ से होने वाली हानि को कम किया जा सकता है. इसके लिए लोगों को सरकार द्वारा दी जाने वाली चेतावनी एवं सूचनाओं पर ध्यान देना चाहिए. बाढ़ जैसी स्थिति की संभावना पर लोगों को तुरंत सपरिवार ऊंचे स्थान पर चले जाना चाहिए. साथ ही उबालकर ठंडा किया हुआ छाना पानी ही पीना चाहिए. साथ ही उन्होंने अन्य कई उपायों का भी जिक्र किया.




वहीं इंस्पेक्टर गणेश जी ओझा ने बताया कि बाढ़ के दौरान सर्पदंश एवं ठनका गिरने की संभावना भी बढ़ जाती है. इसलिए लोगों को इससे भी बचाव के तरीके को अपनाना चाहिए. साथ ही उन्होंने बतलाया कि भारत में कुछ ही सर्प की प्रजाति विषैली है. जिसमें कोबरा, नाग, करैंत, बांडी, रसल वाइपर आदि शामिल है. जबकि एनाकोंडा , बोल, गार्टर सर्प, भूरा सर्प जैसे अधिकांश सांप विषैले नहीं होते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि विषैले सर्प के काटने पर 2 दांत के निशान दिखाई पड़ते हैं. अगर किसी को दुर्भाग्यवश विषैले सर्प ने काट लिया हो तो घबराएं नहीं बल्कि रोगी को सांत्वना दें. उसे ना तो सोने दें और ना हीे शारीरिक क्रियाएं ही करने दें. इस स्थिति में टर्निकेट बांधकर जितनी जल्दी हो सके रोगी को अस्पताल पहुंचाना चाहिए और उसे एंटी वेनम की सुई दिलवानी चाहिए.

जबकि ठनका से बचाव के बारे में इंस्पेक्टर गणेश जी ओझा ने बताया कि  इससे बचने के लिए लोगों को भारी बरसात के समय खुले में नहीं रहना चाहिए. इस स्थिति में लोगों को ऊंचे वृक्ष से भी दूर रहना चाहिए और खेतों में काम करने से भी परहेज करना चाहिए.  साथ ही उन्होंने खाली पैर बिल्कुल भी नहीं रहने की बातें कहते हुए बताया कि बिजली कड़के पर तुरंत हाथ से चेहरे एवं सर को ढकते हुए पैर के आगे वाले तलवे के ऊपर बैठ जाना चाहिए. मौके पर मानसी के अंचलाधिकारी सहित एसडीआरएफ के सिपाही रामानंद कुमार, जन्मेंजय कुमार, पवन कुमार सिंह, मोहम्मद अफसर, राजेश कुमार राज आदि उपस्थित थे.


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