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हादसे को दे रहा आमंत्रण, इस विद्यालय का जर्जर भवन




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : भले ही सरकार बच्चों को बेहतर संसाधनों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दावा करती हो. लेकिन जिले के परबत्ता प्रखंड के माधवपुर पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय मुरादपुर की कहानी कम से कम संसाधनों के मामले में तो अलग है. इस विद्यालय के कमरे की छत ना सिर्फ किसी बड़े हादसे को आमंत्रण दे रहा है बल्कि ऐसे तमाम सरकारी व विभागीय दावों का पोल भी खोलता हुआ प्रतीत हो रहा है. विद्यालय भवन की जर्जरता देखकर ही किसी की भी रूह कांप जाती है. लेकिन ऐसे तमाम अंदेशों से अंजान मासूम बच्चे इसी जर्जर व खौफनाक छत के नीचे अध्ययन कर रहे हैं और इन्हीं व्यवस्थाओं के बीच विद्यालय के शिक्षकों का नमांकित छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन जैसे एक मजबूरी बन चुकी है.

प्रधानाध्यपक सहित कार्यरत 10 शिक्षकों वाले इस स्कूल में नामांकित 468 बच्चों के पठन-पाठन के लिए इस्तेमाल किये जा रहे कमरों में से चार बेहद ही जर्जर अवस्था में है. जबकि नवनिर्मित भवन के दो कमरों में से एक में कार्यालय एवं दूसरा में पठन-पाठन के कार्य के लिए व्यवहार किया जा रहा है. जर्जर कमरे की हालत ऐसी है कि वक्त-वेवक्त दीवार एवं छत से प्लास्टर के टुकड़े गिरते रहते हैं और अब स्थिति तो ऐसी बन गई है कि छत का छड़ भी दिखने लगा है.




मामले पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक सतीश झा बताते हैं कि कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर सूचित किया गया है और शिक्षा विभाग ने भवन निर्माण विभाग को विद्यालय के जर्जर भवन तोड़कर नए भवन का निर्माण करने को भी कहा है. लेकिन भवन निर्माण विभाग ने अबतक इसपर पहल नहीं किया है. दूसरी तरफ समाजिक कार्यकर्ता लालरतन भी विद्यालय भवन की जर्जरता पर चिंता व्यक्त करते हुए एक बड़ा सवाल छोड़ गये हैं कि ऐसी स्थिति में यदि कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार होगा कौन…?


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