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शिविर के दूसरे दिन भी किसानों ने मुआवजा लेने से किया इंकार




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : अगुवानी-सुलतानगंज पुल निर्माण कंपनी के बेस कैम्प में भूमि मुआवजा को लेकर लगाये गये शिविर में दूसरे दिन मंगलवार को भी किसान अधिग्रहित भूमि का मुआवजा लेने से इंकार कर दिया.वहीं शिविर मे मौजूद भू अर्जन पदाधिकारी शहनवाज अहमद नियाजी ने बताया की सोमवार से लगाये गये तीन दिवसीय शिविर में किसानों को अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दिया जाना था.लेकिन दूसरे दिन भी किसान मुआवजा लेने से बचते रहे.

गौरतलब है कि तेमथा करारी एवं तेमथा करारी इंग्लिश तौजी न.382 एवं 382/1 के किसानों को मंगलवार को मुआवजा हस्तगत कराना था.जबकि शिविर के फहले दिन भी किसानों के द्वारा मुआवजा लेने से इंकार कर दिया गया था.दूसरी तरफ पूर्व प्रमुख अखिलेश सिंह,राजीव मिस्र,निरंजन चौधरी,जयप्रकाश चन्द्र झा,संजय चौधरी,सुभाष चौधरी, नरोत्तम मिस्र,राम उदगार चौधरी,वेदानंद चौधरी,भारतेंदु कुमार,नंद किशोर चौधरी आदि ने एक ही तरह के भूमि का अलग-अलग दर से मुआवजा तय करने पर सवाल खड़ा करते हुए बताया कि यह अधिनियम के प्रावधानों के बिल्कुल विपरीत है.साथ ही बताया गया कि एक तरफ पदाधिकारियों के द्वारा गलत आंकलन कर किसानों का जमीन छिना जा रहा है.वहीं दूसरी तरफ भू धारकों के परिवार को पुनर्वासित करने का भी कोई प्रस्ताव नहीं है.साथ ही मुआवजे की राशि को बेहद कम बताते हुए किसानों ने कहा कि जबतक सही प्रक्रिया के तहत सम्मानजनक मुआवजा नहीं तय की जाती तबतक विरोध जारी रहेगा.



इस क्रम में पुल के पहुंच पथ के लिए जमीन देने वाले परबत्ता प्रखंड अंतर्गत डुमरिया बुजुर्ग के किसानों ने भी कम मुआवजा राशि देने के विरोध में मुआवजा लेने से इंकार कर दिया.साथ ही किसानों ने रकवा गलत अधिसूचित होने की भी शिकायत करते हुए कहा कि एलॉटमेंट नक्शा के हिसाब से जमीन ज्यादा अर्जित की जा रही है.इस संदर्भ में किसानों ने जिला भू अर्जन पदाधिकारी शाहनवाज अहमद नियाजी को आवेदन भी सौंपा.इन सभी मामले पर भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि मुआवजे की राशि अधिसूचना तिथि के 3 वर्ष पूर्व हुए जमीन के केवाला का अधिकतम रेश्यो निकाल कर तय किया गया है.जो की हरेक मौजे मे अलग-अलग है.शिविर मे आनंद प्रकाश राम,प्रधान सहायक निरंजन सिन्हा,नाजिर विनोद कुमार सिंह,परबत्ता बीडीओ सह सीओ रविशंकर कुमार,सीआई रजनीरंजन,राजस्वकर्मी रमेश कुमार रौशन,सियारण पासवान आदि मौजूद थे.



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