लाइव खगड़िया : जिले के मानसी प्रखंड अंतर्गत एकनियां में कार्य अधूरा रहने के कारण प्रिसटाइन मेगा फूड पार्क का उद्घाटन करने से इंकार कर केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एक नई परंपरा की शुरुआत कर दी है.जिसका सत्ता पक्ष व विपक्ष के स्थानीय नेताओं सहित जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी स्वागत किया जा रहा है.लेकिन साथ ही अधूरे कार्य के बीच उद्घाटन समारोह का आयोजन,उद्घाटन के लिए एक केन्द्रीय मंत्री का जिला पहुंचना और उनका जिले से यूं बैरंग लौट जाने से खगड़िया सहित बिहार की जगहंसाई भी हुई है.जब किसी भी प्रोजेक्ट पर काम होता है तो उसके लिए एक सिस्टम काम करती है.लेकिन मामले का आश्चर्यजनक पहलू रहा है कि विभाग के मंत्री जब उद्घाटन के लिए धरातल पर पहुंचते हैं तो उन्हें जानकारी मिलती है कि काम तो पूरा हुआ ही नहीं है.आखिर सरजमीं व मंत्रालय के बीच का तंत्र किस दुनिया में खोया रहा था और बगैर जांच किए उद्घाटन की तारीख कैसे तय हो गया ? और तो और इतना कुछ होने के बाद भी कोई इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार मामले में प्रशासन का कोई रोल नहीं होने की बातें करते हुए डीएम ने कहा है कि मेगा फूड पार्क के अधूरे कार्य के विषय में प्रधान सचिव को जानकारी दे दी गई थी.जबकि बिहार के उद्योग मंत्री ने कहा है कि फूड पार्क के उद्घाटन के लायक तैयार नहीं होने संबंधी पत्र केन्द्र सरकार को भेजा गया था.बाबजूद इसके उद्घाटन का कार्यक्रम तय हो जाना इस बात की तरफ इशारा करता है कि कहीं ना कहीं कोई था जिसे उद्घाटन की जल्दी थी.निश्चय ही यदि ऐसी ही जल्दबाजी कार्य पूर्ण करने की दिशा में दिखाई गई होती तो शायद आज स्थितियां भिन्न होती.बहरहाल यह सवाल अपनी जगह कायम है कि आखिर कौन था वो जिन्होंने फरकिया के साथ एक बेहद ही भद्दा मजाक किया है और कंपनी के शिथिल कार्यों को अपना समर्थन दिया है ?