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आम की मिठास के बीच मद्य निषेध व पर्यावरण संरक्षण का पढाया गया पाठ

खगड़िया : जिले के मानसी स्थिति नशा मुक्त भारत के प्रधान कार्यालय में मंगलवार को नशा मुक्त भारत के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार यशवंत के नेतृत्व मे एक प्रीतिभोज का आयोजन किया गया.वहीं यह प्रीतिभोज कुछ खास कारणों से चर्चाओं में रहा.प्राप्त जानकारी के अनुसार इस भोज में ना सिर्फ आगंतुकों ने फलों के राजा आम का स्वाद लिया बल्कि आम का फल और आम के वृक्ष की महत्ता पर भी प्रकाश डाला गया.मौके पर आम के फल तथा इसके पेड़ का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाया गया.साथ ही रोजगार की दृष्टिकोण से भी इसकी अहमियत आगंतुक पर्यावरण प्रेमी व जानकारियों के द्वारा दिया गया.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित भागलपुर के आर्य विद्वान व वैदिक प्रवक्ता पंडित त्रिगुण आर्य ने कहा कि फलों का राजा आम का नाम सुनते ही चेहरे पर एक अलग सी चमक दौड़ जाती है और इसका स्वाद बार-बार लेने को मन मचल उठता है.वहीं उन्होंने कहा कि यदि आम किसी को तोहफा मे दिया जाये तो आपसी भाईचारा ,प्रेम और संबध मे मिठास आ जाती है.इस अवसर पर उपस्थित लोगों से नशा व मादक पदार्थ का सेवन नहीं करने की अपील करते हुए कहा गया कि ऐसा करने से ना सिर्फ अपना व समाज का नुकसान होता है बल्कि नई पीढ़ी व युवाओं के बीच भी एक गलत संदेश जाता है.वहीं नशा मुक्त भारत के प्रेम कुमार यशवंत, जितेन्द्र कुमार यादव, बीरु,हिरानन्द सिंह आदि ने स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से आम खाने एवं पर्यावरण की दृष्टिकोण से आम का पेड़ लगाने की अपील करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाने से हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा.मौके पर राम विनय यादव, अवधेश यादव, अंबुज पोद्दार, विशंभर यादव, अमित कुमार आदि ने कहा कि आम का पेड़ जब सुख जाता है तो उसकी लकड़ी का हवन व यज्ञ ,खाना बनाने ,फर्नीचर बनाने जैसे कार्यों के साथ ही मनुष्य की अंत्येष्टि मे भी उपयोग किया जाता है.क्योंकि आम की लकड़ी को शुद्ध माना जाता है.आमरस भोज में शिव शंकर आर्य, तेजनारायन यादव, स्वराज अभियान के विजय  सिंह, नलिन सिंह, भजन दाश ,राकेश रौशन,अभय कुमार गुड्डू सहित दर्जनों लोगों ने आम की मिठास के बीच इससे संबंधित महत्वपूर्ण बातों की जानकारी हासिल किया.

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