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सच्चा शिष्य गुरू द्वारा बताये गये ज्ञान को कभी भूलता नहीं




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : “गुरु तत्व की महत्ता सर्वज्ञात है.जो सदगुरू होते हैं,वे समर्थ गुरू कहलाते है.समर्थ गुरू अपने अंतरंग शक्ति को शिष्य में प्रेषित कर उन्हें उंचा उठाता है.वैसे बुलंदी तो हर विद्याओ में होता है.लेकिन अध्यात्म जगत में इसे विशेष माना जाता है.गुरु यदि सामर्थ्यवान होता है तो शिष्य में भी निर्भयता,नम्रता व उदारता बढ़ जाती है”.उक्त बातें  मंगलवार को जिले के गोगरी प्रखंड अंतर्गत समसपुर गांव में पधारे अनंत श्री विभूति श्रीमज्जगदगुरु श्री उत्तरतोताद्रिमठ पीठाधीश्वर (अयोध्या),परम पूज्य वैष्णवरत्न स्वामी श्री अनन्ताचार्य जी महाराज, स्वामी धरणीधराचार्य जी महाराज (मध्य प्रदेश) के अयोध्या रवाना होने के अवसर पर श्री शिव शक्ति योग पीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने पत्रकारो से बातचीत के दौरान कही.



वहीं उन्होंने संत कबीर दास का “गुरु जो बसै बनारसी, सीष समुंदर तीर । एक पलक बिसरै नहीं, जो गुण होय सरीर” !! जैसा दोहा सुनाते हुए कहा कि शिष्य गुरु से कितनी भी दूर क्यों न हो, वह उनके बताए हुए मार्ग पर ही चलता है.सच्चा शिष्य वही है, जो गुरु के बताए हुए ज्ञान को कभी भूलता नहीं है.यदि शिष्य के शरीर में गुरु का गुण होगा, तो वह गुरु को एक क्षण भी नहीं भूल सकता है.वहीं श्री शिव शक्ति योग पीठ खगड़िया शाखा के मीडिया प्रभारी रणवीर कुमार सिंंह ने बताया कि समसपुर गांव में लगातार चार दिनो तक गुरू -शिष्य की अनुपम छटा देखने के साथ-साथ भक्तजनो का तांता लगा रहा.इस दौरान स्वामी जी के अनुयायियों ने  गुरुवर से आशीर्वाद के साथ-साथ प्रसाद भी ग्रहण किया.



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