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दिव्यांग व महिलाओं के लिए संजुला कुमारी बन गई हैं प्रेरणाश्रोत




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : दिव्यांगता को मजबूरी नहीं बनने देने वाली जिले के चौथम प्रखंड अंतर्गत कन्या मध्य विद्यालय भुतौली की प्रधानाध्यापिका संजुला कुमारी एक मिसाल कायम कर गईं हैं. पैर से  60 प्रतिशत दिव्यांग संजुला कुमारी के पति मलपा निवासी श्यामल किशोर प्रसाद एक साधारण किसान हैं. उनकी मायके गोगरी प्रखंड के पितौंझिया गांव में है. जन्म से सात माह बाद ही संजुला कुमारी पोलियो की शिकार हो गई थीं. लेकिन उनके परिजनों ने उन्हें दिव्यांग होने का एहसास तक नहीं होने दिया और संजुला कुमारी ने भी दिव्यांगता को कभी हावी नहीं होने दिया. उन्होंने पढ़ाई में कड़ी मेहनत की औक बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद वर्ष 2000 में  कन्या प्राथमिक विद्यालय रामपुर में शिक्षिका पद का कार्यभार संभाल लिया. जिसके बाद प्राथमिक विद्यालय मलपा में भी वे अपनी सेवाएं दी और वर्तमान में कन्या मध्य विद्यालय भुतौली में प्रधानाध्यापिका पद पर वे कार्यरत है. 


संजुला कुमारी अपनी परिवारिक जिम्मेदारियों को भी बखुबी निभा रहीं हैं. उनके पुत्र मयंक राज दसवीं के छात्र हैं. जबकि उनकी पुत्री शालिनी पहली बार में ही 2020 में नीट की परीक्षा में 2428 रैंक प्राप्त कर परिवार, गांव एवं जिले का नाम रौशन कर चुकी हैं. दोनों पैर से दिव्यांग संजुला कुमारी बैसाखी के सहारे चलती है. स्कूल में उनका अनुशासन चर्चाओं में रहा है और वे शिक्षा की अलख जगा रहीं हैं. 


संजुला कुमारी का मानना है कि कहा कि यदि बुलंद हौसले के साथ ईमानदार प्रयास किया जाये तो मंजिल मिल ही जाती है. साथ ही वो बताती है कि अब वह दिन चला गया जब महिलाएं घर के चौखट से बाहर नहीं जाती थीं. अब महिलाएं भी शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बन परिवार व समाज को एक नई दिशा प्रदान कर रही हैं.

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