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उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : लोक आस्था का महापर्व शनिवार की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. इसके पूर्व शुक्रवार की शाम जिले के विभिन्न छठ घाटों पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया गया. इस दौरान छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़़ पड़ी. वहीं पानी में खड़े होकर छठ व्रती ने भगवान भाष्कर को पकवानों एवं फलों से सजे सूप को हाथ में रखकर आराधना किया तथा उपस्थित श्रद्धालुओं ने भगवान भाष्कर को गंगाजल एवं दूध से अर्घ्य दिया. इस दौरान छठ लोकगीतों से छठ घाटों का माहौल भक्तिमय बना रहा.

महापर्व से जुड़ी एक विशेष परम्परा है कि जब छठ पूजा में मांगी हुई मुराद पूरी हो जाती है तब श्रद्धालु सूर्य देव को दंडवत प्रणाम करते हुए नदी तट पर पहुंचते हैं. इस वर्ष भी दर्जनों की संख्या में महिला एवं पुरुष दंडवत प्रणाम हुए छठ घाट पर पहुंचे. सूर्य को दंडवत प्रणाम करने की विधि बहुत ही कठिन होता है. जिसमें श्रद्धालु अपने घर के कुल देवी या देवता को प्रणाम कर नदी तट तक दंड देते हुए जाते हैं. इस क्रम में पहले सीघे खडे होकर सूर्य देव को प्रणाम किया जाता है और फिर पेट की ओर से ज़मीन पर लेटकर दाहिने हाथ से ज़मीन पर एक रेखा खींची जाती है. यह प्रक्रिया नदी तट तक पहुंचने तक बार बार दुहरायी जाती हैं. 


दंडवत प्रणाम में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल हुई. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु  छठ महाव्रत को निष्ठा भाव से विधिपूर्वक इसे संपन्न करता है वह संतान सुख से कभी अछूता नहीं रहता है. इस महाव्रत के फलस्वरूप व्यक्ति को न केवल संतान की प्राप्ति होती है बल्कि उसके सारे कष्ट भी समाप्त हो जाते हैं. इस वर्ष शहर के विभिन्न छठ घाट सहित प्रसिद्ध उत्तर वाहिनी गंगा तट एवं जिले के अन्य छठ घाटों  पर दंडवत प्रणाम के सहारे घाट तक पहुंचने वाली श्रद्धालु महिला एवं पुरुष की संख्या अधिक देखीं गई. वहीं ग्रामीणों के सहयोग से साफ-सफाई का भी पुख्ता इंतजाम किया गया था.

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