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जोगिया शरीफ इमाम की अपील,घरों में ही रहकर करें शब-ए-बारात पर इबादत




लाइव खगड़िया : कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के बीच जिले के अलौली प्रखंड स्थित खानकाह-ए-फरिदीया जोगिया शरीफ के इमाम हजरत बाबु मोहम्मद सिबतैन ने शब-ए-बारात में लोगों से घरों में ही रहकर इबादत करने की अपील किया है. उन्होंने कहा है कि शब-ए-बारात इबादत की रात है और इस दिन कब्रिस्तान जाने की परंपरा रही है. लेकिन लॉकडाउन की वजह इस साल ऐसा करना उचित नहीं है. इसलिए लोग अपने घरों में ही रहकर अपने और रिश्तेदारों के अलावा पूरे मुल्क व दुनिया की सलामती के लिए दुआ करें.  साथ ही उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हमें अपने-अपने घरों में रहना जरूरी है. वहीं उन्होंने लॉकडाउन का पालन करने और किसी को भी कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की अपील किया है.





उन्होंने बताया है कि गोसीया जामा मस्जिद के इमाम हज़रत बाबु मोहम्मद सैयद्दीन फरिदी ने भी देश के मुसलमानों से लॉकडाउन का पालन कर कोरोना को हराने में सहयोग देने की अपील किया है. ऐसे में हर हिंदुस्तानी का फर्ज बनता है कि वे संकट के समय में देश और दुनिया की सलामती के लिए दुआ करें.

शब-ए-बारात

शब-ए-बारात को इस्लाम धर्म में इबादत की रात के तौर पर जाना जाता है. बाबू मोहम्मद सिबतैन फरिदी बताते हैं कि इस रात आसमान में अल्लाह अगले वर्ष के सारे फैसले कर देता है. रात को इबादत कर रहे लोगों के गुनाह माफ होता है. शब-ए-बारात की पाक रात को इबादत कर के इंसान हर गुनाह से बरी हो सकता है.




शब-ए-बारात की रात मुस्लिम घरों में हलवा, बिरयानी, कोरम आदि जैसे तरह-तरह के पकवान बनाया जाता है. इबादत के बाद इसे गरीबों में तकसीम किया जाता है. एक तरह से शब-ए-बरात को रमजान में रखे जाने वाले रोजे के लिए अपने आपको तैयार करने जैसा भी माना जाता है. इस्लाम में यह रात बेहद फजीलत की रात मानी जाती है. इस रात को मुस्लिम दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं. शब-ए-बारात की सारी रात इबादत और तिलावत का दौर चलता है. इस रात दुनिया से रुखसत हो चुके परिजनों के मगफिरत की दुआएं की जाती हैं.


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