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गुरु-शिष्य का संबंध सांसारिक नहीं बल्कि आत्मिक-आध्यात्मिक : स्वामी आगमानंद




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के कोसी-बागमती के संगम स्थल के नजदीक बेलदौर के कोसी इंटर विद्यालय पनसलबा के प्रांगण में विराट दसवां गुरु पूर्णिमा महोत्सव में भक्त जनो का जन सैलाव उमड़ पड़ा. महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को ससमय गुरु चरण पूजा सन्यासियों एवं पंडित आचार्यों के द्वारा पादुका पूजन तथा दर्शन नमन के साथ संपन्न हुआ. इस क्रम में वरिष्ठ जन ,संगीत कलाकार एवं गुरु पूर्णिमा समिति के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज  के चरण पर पुष्पार्पण किया. उसके बाद कतार बद्ध भक्तजनों के द्वारा दिन भर गुरु दर्शन एवं पूजन कार्य चलता रहा.

पूजन कार्यक्रम में हजारो की संख्या में  स्वामी जी के अनुयायियों ने भाग लिया. जिसके लिए सुबह पांच बजे से चार लाइनो में भक्त गण कतार मे थे. वहीं दर्जनो नामचीन संगीत कलाकारों ने अपने एक से बढकर एक भक्ति गायन से भक्तजनों को झूमने पर मजबुर कर दिया. जबकि दूसरे धर्म मंच पर विद्वान आचार्यगण गुरु-शिष्य की महिमा एवं गुरु पूर्णिमा के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि मानव जीवन में गुरु के ज्ञान के बिना सफलता नही मिल सकती है.

गुरु-शिष्य की अनुपम छटा देखने को मिली

गुरु पूर्णिमा महोत्सव में गुरु-शिष्य की अनुपम छटा देखने को मिला. गुरू दर्शन के साथ भक्तगण एक-दूसरे से गले मिलकर आपसी प्रेम का इजहार किया. इस मौके राज्य के विभिन्न जिले सहित अन्य प्रदेशों से भी स्वामी जी के अनुयायियों ने शिरकत किया. कार्यक्रम के दौरान श्री शिव शक्ति योग पीठ एवं सेवार्थ के दर्जनों सेवा दल के सदस्य भक्तजनों की सेवा में लगे रहे. मौके पर मीडिया प्रभारी रणवीर सिंह ने कहा कि जिले के समस्त कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बाहर से आए स्वयंसेवकों ने बढ-चढकर दिन-रात अतिथियों की सत्कार में तत्पर रहे, जो कि प्रशंसनीय है.



दूसरी तरफ संध्या में परमहंस स्वामी आगमानांद जी महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि सनातन धर्म की रक्षा आप करेगें तो आप का रक्षा स्वंय होगा. कुछ संबंध शरीर से जन्म लेते हैं, जैसे- माता-पिता का संबंध, भाई-बहन का संबंध और कुछ संबंध भावनाओं से जन्म लेते हैं,जैसे- पति-पत्नी का संबंध, मित्र का संबंध. लेकिन कुछ संबंध ऐसे भी होते हैं जो सांसारिकता नहीं बल्कि आत्मिक होते हैं और ये आत्मा की प्रखरता, पावनता से जन्म लेते हैं. जैसे गुरु-शिष्य संबंध. साथ ही उन्होंने कहा कि यही एक ऐसा संबंध है, जहां व्यक्ति संपूर्ण रूप से जाना जाता है. जहां शिष्य को शरीर के रूप में नहीं बल्कि व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है. जहां केवल सतही स्तर पर नहीं जानता बल्कि गहराई तक जाना जाता है. जो चित्त को जानता है, संस्कारों को जानता है और वर्तमान जन्म के साथ जन्म-जन्मांतरों को जानता है.

लगा छप्पन महाभोग

मंगलवार को दोपहर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में गुरू वर के लिए 56भोग लगाया गया और विशेष पूजन विद्वान पंडितो के द्वारा किया गया. महाप्रसाद के लिए अलग-अलग स्टॉल लगाए थे. वहीं गुरू पूर्णिमा समिति द्वारा कतार में खड़े श्रद्धालुओं के लिए फल एवं शीतल जल की व्यवस्था किया गया था.

दिन भर बहती रही भक्ति की गंगा

इस दो दिवसीय विराट गुरू पूर्णिमा महोत्सव में  भक्ति की गंगा बहती रही. इस क्रम में नामचीन संगीत कलाकार दीपक मिश्र, माधव, बमबम मिश्र, किशोर, कपिश, राजन, मंजर , रविश , नंदन, रमेश, भजू हरी, राजू , गुलशन, पवन आदि  ने एक से बढ़कर एक भक्ति संगीत प्रस्तुत कर लोगो को झूमने पर मजबूर कर दिया.

मनमोहक रही झांकी

महोत्सव में बाल कलाकारो की मनमोहक झांकी चर्चा का विषय बना रहा. वहीं भगवान श्री गणेश, महादेव एवं मां दुर्गा के रूप में बाल कलाकर झांकी प्रस्तुत किया. जबकि मानस कोकिलि कृष्णा दीदी ने गुरू भक्ति एवं गुरू की महिमा पर विस्तार से चर्चा किया.

डीएम ने किया माल्यार्पण

खगड़िया के जिलाधिकारी अनिरूद्ध कुमार,  उप विकास आयुक्त राम निरंजन सिंह, बेलदौर बीडीओ शशि भूषण कुमार व सीओ अमित कुमार, विधायक पन्ना लाल सिंह पटेल, नुतन सिंह, लोकायुक्त एसपी अभय कुमार लाल आदि ने परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज का माल्यार्पन किया. वहीं गुरू पूर्णिमा कमेटी की तरफ से सभी अतिथियों को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया.


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