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बोले स्वामी आगमानंद जी महाराज, गुरु वह नदी है जो निरंतर बहती ही रहती




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्रा) : जिले के कोसी-बागमती के संगम स्थल से सटे  कोसी इंटर विद्यालय पनसलवा बेलदौर के प्रांगण में दसवां गुरु पूर्णिमा महोत्सव  का विधिवत उद्धाटन मंगलवार को बेलदौर विधायक पन्नालाल सिंह पटेल, विधान पार्षद डॉ संजीव कुमार, बेलदौर बीडीओ शशि भूषण कुमार, प्रार्चाय मो सकील अहमद, बेलदौर के सीओ अमित कुमार, मानवानंद जी महाराज, शिव प्रेमानंद , प्रेम शंकर भारती, कुंदन सिंह, अनिमेष सिंह आदि ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर वक्ताओं ने   गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरु वह है जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले चले और बिना गुरु के ज्ञान संभव नहीं है. गुरु प्रभु तत्व ही परम तत्व है.  माता-पिता, गुरु व अतिथि देशस्वरुप है. संत शिरोमणी कवीर दास के दोहे में कहा गया है कि गुरु गोविंद  दोऊ खड़े, काके लागूं पांय…बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय. यानी कि यदि गुरू और गोविंद (भगवान) एक साथ खड़े हों तो गुरू के श्रीचरणों में शीश झुकाना उत्तम है.

वहीं कहा गया कि बंदऊं गुरुपद पदुम परागा. यानी गुरु के चरण के धुली से ही लोगों का कल्याण होता है और गुरु के माध्यम से जीवन के सारे विग्न दूर हो जाते हैं. सनातन धर्म में  विष्णु के छठे अवतार दत्ता त्रैय जीवन में बाइस गुरु के माध्यम से विष्णु रुप को धारण कर नर से नारायण हो गए. ये सारे जीवन में परिवर्तन गुरु सत्ता ही ला सकते हैं.  अवधि के प्रसिद्ध भजन  ‘बहियां पकड़ गुरु रहियां दिखावे, वेहे मिलावे परमेश्वर से’, इस भजन के सार्थकता से लोगों को जीवन नैया गुरु प्रभु पार लगाते हैं और जहां चाह वहां राह बनते जाते हैं. सरल संतों में से एक सनातन धर्म की ज्योति जगाने के लिए अंग की धरती पर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज का अवतरण हुआ है. जो कि लगभग तीन दशकों से देश के चारों तरफ भ्रमण कर इलाके के लाखों लोगों को अध्यात्म का रस पान कराकर ईश्वर भक्ति का पाठ पढाया.




इस अवसर पर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि गुरु दीपक के समान तेज है और गुरु भक्ति ही दीपक का तेल है. जिनके स्मरण मात्र से सारे संशय के अंधकार खत्म हो जाते हैं. गुरु वो मृदंग है. गुरु वो ज्ञान है जिसके मिलते ही पांचों तत्व एक हो जाते हैं. गुरु वो दीक्षा हैं जो सही मायने में योग्य गुरु के द्वारा ही मिलती है. गुरु वह नदी हैं जो निरंतर बहती है. जिस तरह धोबी गंदे कपड़े को साबुन लगाकर साफ़ करता है, उसी प्रकार गुरु अपने ज्ञान से शिष्यों के अंदर की गंदगी को साफ़ कर मुक्ति का रास्ता प्रदान करती है.

महोत्सव में श्रद्धालुओ की उमडी भीड़

सोमवार की सुबह पंडित कौशलेन्द्र के द्वारा वेदी पूजन किया गया. वही सैकडो लोगों ने परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज से गुरू दीक्षा प्राप्त किया. मौके पर आशा ओझा ने गुरू के महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि गुरु अंधकार से प्रकाश से की ओर ले जाते है. गुरू के बिना जीवन अधूरा रहता है.

कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित सभी अतिथियो को गुरू पूर्णिमा कमेटी की ओर की तरफ से अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया. जबकि संगीतकला मंच का उद्धाटन पंडित नाहर मिश्र के द्वारा किया गया.वहीं संगीत कलाकार माधव, बलबीर, मंजेश, रमेश, राजू, रविश, बम बम मिश्र, कपिश,किशोर , नंदन, गुलशन  भजू हरी आदि के भक्ति संगीत से श्रोता भावविभोर हो उठे.

कल गुरू दर्शन

16 जुलाई को सुबह 5 बजे से 6 बजे तक गुरु व्यास पीठ पूजन, 6 बजे से संध्या 7 बजे तक गुरु दर्शन के साथ पादुका पूजन एवं 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक गुरुवर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के मुखाबिंद से सत्संग सुधा का रस पान किया जायेगा.


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