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105 किमी की पैदल यात्रा कर हर पूर्णिमा को देवघर पहुंचते हैं यह श्रद्धालु




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : ‌ यूं तो सावन माह शुरू होते ही देशभर में भगवान शिव के नाम की गूंज तेज हो जाती है और यह गूंज बिहार के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर तक चरम पर रहता है. बैद्यनाथ-धाम मंदिर लोगों के आस्था से खासतौर पर जुड़ा है. अतिपावन तीर्थ होने के कारण इसे बैद्यनाथ धाम से जाना जाता है. यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक ज्‍योतिर्लिंग का पुराणकालीन मंदिर है. ऐसी मान्यताएं हैं कि यहां आने वालों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. शायद यही कारण रहा है कि यहां हर वर्ष सावन में खगड़िया सहित देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसी कड़ी में कुछ ऐसे भी श्रद्धालु हैं जो पवित्र उत्तरवाहिणी सुल्तांगज गंगा नदी से जलभरकर 105 किलोमीटर की पाव-पैदल यात्रा ढ़ाई दिन में पूरी कर हर माह पूर्णिमा के दिन बैधनाथ मंदिर के द्वादश ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक करते है. जबकि ट्रेन व बस के सहारे बाबा के दरबार पहुंचकर हर पूर्णिमा भोले शंकर को जल अर्पित करने वालों की संख्या बड़ी है.




बात यदि वर्ष के हर माह के पूर्णिमा को बाबा की दरबार में हाजिरी लगाने वाले श्रद्धालुओं की करें तो जिले के परबत्ता प्रखंड के कन्हैयाचक निवासी शिव भक्त पचास वर्षीय बम शंकर चौधरी, सुजीत चौधरी, राजीव चौधरी, कन्हैया चौधरी   सियादतपुर अगुवानी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग गांव निवासी मुरारी चौधरी, संजय चौधरी, पवन चौधरी, मंगल सिंह, सनिस कुमार, राम जी, बिभाष चौधरी आदि का नाम शामिल है. बताया जाता है कि ये लोग एक जत्था बनाकर प्रत्येक माह के पूर्णिमां को पवित्र  उत्तरवाहिणी सुल्तागंज गंगा से जल भरकर पाव-पैदल चलते हुए देवघर पहुंचकर बैद्यनाथ द्वादश ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक करते आ रहे हैं. जत्था में शामिल श्रद्धालुओं में कोई दस तो कोई पन्द्रह साल से इस सिलसिला को जारी रखें हुए हैं. जबकि कुछ महिलाओ की भी एक जत्था है जो बस या ट्रेन के सहारे प्रत्येक माह के पूर्णिमा को जल भरकर बैद्यनाथ द्वादश ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक करते आ रहे हैं. इस वर्ष 17 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है. जिसको लेकर श्रद्धालु तैयारियों में जुट चुके हैं.


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